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Urdu poetry love

                   



دل سے جو بات نکلتی ھے اثر رکھتی ہے 

پر نہیں طاقت پرواز مگر رکھتی ہے 

قدسی الاصل ہے رفعت پہ نظر رکھتی ہے 

خاک سے اٹھتی ہے گردوہ پہ نظر رکھتی ہے 

عشق تھا فتنہ گرو سرکش و چالاک میرا 

اسماں چیز گیا نالہ بےباک میرا 

                   

Urdu Qasedai In Roman English 2022 

Dil se Jo Baat nikalte hai asar rakhte hai 

Par nahi taqat parwaaz magar rakhte hai 

Qudsi alasal hai rifaat pa nazar rakhte hai 

Khak se otthe hai gardoh pa nazar rakhte hai 

Eshq tha fitnai gro sarksh wo chalak mera 

Asman cheez giya nalai bebaak mera 


Urdu Qasedai Hindi Translated 


जो दिल से निकलता है उसका असर होता है

लेकिन शक्ति उड़ती नहीं है, लेकिन उड़ती है

कुदसी मूल का है और रिफत पर नजर रखता है

धूल से उठती है और किडनी पर नजर रखती है

प्यार मेरा प्रलोभन, विद्रोही और चालाक था

मेरा साथ ऐसा ही हुआ था



                   

Love Urdu Poetry

              

    

پیر گردوں نے کہا سن کی کہیں ہے کوئی 

بولے سیارے سر عرش بریں ہے کوئی 

چاند کہتا تھا نہیں اہل زمیں ہے کوئی 

کہکشاں کہتی تھی پوشیدہ یہیں ہے کوئی 

کچ۔جو سمجھا میرے شکوئے کو تو رضواں سمجھا 

مجھے جنت سے نکالا ھوا انساں سمجھا 


              

Translated Roman English

Peer gardoh ne kahaa sun ke kahi hai koi 

Bole sayyare sare aarsh barai hai koi 

Chand kehta nahi ehli zammeen hai koi 

Kehkasha kehte the posheeda yahii hai koi 

Kuch Jo samjha Mere shikwee ko tu rizwaan samjha 

Mujhay jannat se nikala hoa insaan samjha 



                

Translated to Hindi

पीर गिरदान ने कहा, कोई सुन रहा है।

उन्होंने कहा कि ग्रह सिंहासन का मुखिया है

चाँद कहा करता था ना, धरती पर कोई नहीं है

आकाशगंगा कहा करती थी कि यहाँ कोई छिपा है

कुछ, जिसने मेरी शिकायत को समझा, उसे माना रिजवान

मुझे स्वर्ग से निकाला गया इंसान माना जाता था



                     

Sad poetry

                 


تھی فرشتوں کو بھی حیرت کی یہ اواز ہے کہا 

عرش والوں کو بھی کھلتا نہیں یہ راز ہے کیا 

تاسر عرش بھی انساں کی۔تگ و تاز ھے کیا 

اگئی خاک کی چٹکے کو بھی پرواز ھے کیا 

غافل اداب سے سکان زمیں کیسے ہیں

 شوج و گستاخ پہ پستی کی مکی کیسے ہے 

        

The farishtoo ko bhi heerat ke ye awaz hai Kiay 

Aarsh walo ko bhi kulta nahi ye raaz hai kiya 

Tasar aarsh bhi insaan ke tag wo taaz hai kiya 

Agai khaak ke chutke ko bhi parwaaz hai kiya 

Ghafil adaab se sukkan zammeen kaise hai 

Shokh wo guatakh ye paste ke makke kaise hai 


 

फ़रिश्तों ने यह भी कहा कि यह अजूबे की आवाज़ है

रहस्य क्या है?

तसीर अर्श भी एक इंसान हैं

धूल की उड़ान क्या है?

आप लापरवाह शिष्टाचार के साथ कैसे जी रहे हैं?

 एक बकरी के सिर के बारे में इतना महत्वपूर्ण क्या है?"



                       

Love Poetry

                 

      

اس قدر شوج کی اللہ سے بھی برھم ہے 

تھا جو مسجود ملائک یہ وہی ادم ہے 

عالم کیف ہے دانائے رومز کم ہے 

ہاں مگر عجز کی اسرار سے نا محرم ہے 

ناز ہے طاقت گفتار پہ انسانوں کو 

بات کرنے کا سلیقہ نہیں نادانوں کو 



            

 Translated to Roman English


Es qadar shooj ke Allah se bhi barham Hai 

Tha Jo masjood malaik ye wahi Adam hai 

Aalam kaif be nadai roomz kam hai 

Haan magar ajz ke iaraar se na mehrim hai 

Naaz hai taqat guftaar pa insanoo ko 

Baat karne ka saleqa nahi nadanoo ko 


     

            

    Translated to Hindi


यहां तक ​​कि शोज भी अल्लाह से नाराज़ हैं

ये वही आदम है जो फ़रिश्तों की मस्जिद थी

दुनिया ज्ञान कमरों से भरी है

हाँ, लेकिन वह नम्रता के रहस्य से महरम नहीं है

मनुष्य को अपनी वाणी की शक्ति पर गर्व है

अज्ञानी से बात करने का ढंग नहीं


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