Urdu Ghazal || Sad Shayeri

           

Urdu Ghazal
Urdu Ghazal 

         

  (Urdu) 


از انجا کہ حسرت کش یار ہے ھم 

رقیب تمننائے دیدار ہے ھم 


رسیدن گل باغ و ماندگی ہے 

عبث محفل ارائے رفتار ہے ھم 


نفس ہو نہ معزول شعلہ درودن 

کہ ضبط تپش سے شرکار ہے ھم 


تغافل کمیں گاہ وحشت شناساسی 

نگہبان دل ہاے اغیار ہے ھم 


تماشائے گلشن تماشے چیدن 

بہار افرینہ گنہگار ہے ھم 


نہ ذوق گریباں نہ پروائے داماں

ںگاہ اشنائے گل و خار ہے ھم 


اسد شکوہ کفر دعا نا سپاسی 

ہجوم تمننا سے کاچار ہے ھم 




              

  (Roman English) 


Az anja ke hasrat yaar hai hum 

Raqeeb tamannai dedar hai hum 


Rasedan Gul o Bagh Mandagi hai 

Abas mehfil arai raftaar hai hum


Nafs hu na maazool shoola droden 

Ke zabt tapsh se sarshar hai hum 


Taghaful kamai nigah wehshat shanasasi 

Negehban dil bai aghyaar hai hum 


Tamashai Gulshan Tamashai chedan 

Bahadur afrenai gunahgar hai hum 


Na zooq gareban na parwai damaa 

Nigah ashnai gull o khaar hai hum 


Asad Shikwa kufar doa na spase 

Hujoom tammannah se ka char hai hum 



       

 

            

   (Hindi) 


क्योंकि हम एक लालसा दोस्त हैं

हम प्रतिद्वंद्वी की इच्छा देखते हैं


रसीद एक फूलों का बगीचा है

हम व्यर्थ हैं


नफ़्स हो न मज़ुल शाला द्रुदानी

कि हम बुखार के नियंत्रण में शामिल हैं


विनोदी अनुभूति

हम दिल के रखवाले हैं


दर्शक गुलशन दर्शक चेदान

बिहार अफरीना पापी है


ना स्वाद ना परवाह

हम फूलों और कांटों से परिचित हैं


असद शुकोह कुफ्र दुआ ना स्पासिक

भीड़ इच्छाओं से भरी है






                             

           

Urdu Ghazal
Urdu Ghazal 

         

 (Urdu)

وہ فراق اور وہ وصال کہا 

وہ شب وہ روز و ماہ و سال کہاں


صرصت کاربار شوق کیسے 

ذوق نظارہ کمال کہاں 


دل تو دل وہ دماغ بھی نہ رہا 

شور سودائے خط و مال کہاں 


تھی وہ اک شخص کہ تصور سے 

اب وہ رعنائی خیال کہاں


ایسا اسان نہیں لہو رونا 

دل میں طاقت جگر میں حال کہاں 


ہم سے چھوٹا قمار خانہ عشق 

واہ جو جاویں گروہ میں مال کہاں


مححل ہو گئی قویٰ غالب 

وہ عناصر میں اعتدال کہاں




            

  (Roman English) 

Woh firaq aur woh wisal kaha 

Woh shab o rooz woh mah woh saal kaha 


Fursat karobar shoq kaise

Zooq nazarai kama kaha


Dil to dil hai woh dimagh bhu na raha 

Shoor saodai khat o mall kaha 


The woh aik shaks ke tasawwor se 

Ab woh ranai khayal kaha 


Eisa asan nahi laho rona 

Dil mai taqat jigar mai haal kaha 


Hum se chota qumar khanai eishq 

Woh jo jawee groh mai mall kaha 


Mehel mai hogai Qawi Ghalib 

Woh anasir mai Eitidal kaha 



          

   (Hindi) 

उसने अलविदा कहा और वह मर गया

कहाँ है वो रात, दिन, महीना और साल?


कैसे एक त्वरित व्यापार शौक बनाने के लिए

पूर्णता का स्वाद कहाँ है?


दिल से दिल, वो मन नहीं रहा

चिट्ठी और माल का शोर कहाँ है?


वह एक कल्पना पुरुष थी

अब वह जंगली विचार कहाँ है?


रोना आसान नहीं है

कहाँ शक्ति है हृदय में, कलेजे में?


प्यार कैसीनो हमसे छोटा है

वाह, ग्रुप में दौलत कहाँ है?


सबसे मजबूत प्रबल

उन तत्वों में मॉडरेशन कहाँ है?



 









                     

Sad Shayeri
Sad Shayeri 

                  

   (Urdu) 

کی وفا ہم سے تو غیر اس کو جفا کہتے ہے 

ہوتی ائے ہے کہ اچھوں کو برا کہتے ہے 


آج ہم اپنی پریشانی کی خاطر ان سے 

کہنے جاتے تو ہیں پر دیکھئے کیا کہتے ہے 


اگلے وقتوں کی ہے یہ لوگ انہیں کچھ نہ کہوں 

جو میں وہ نغمہ کو اندوہ ربا کہتے ہے 


دل میں اجائے ہے ہوتی ہے جو فرصت غش سے 

اور پھر کون سے نالے کو رسا کہتے ہے 


اک شرر دل میں ہے اس کی کوئی گھبرائے گا کیا 

آگ مطلوب ہے ہم کو جو ہوا کہتے ہے 


وحشت و شیفتہ اب مرثیہ کہوین شاید 

مر گیا غالب اشفتہ نوا کہتے ہے 




              

   (Roman English) 

Kee wafa hum se to gheer os ko jafa kehte hai 

Hote aye hai ke acho ko bura kehte hai 


Aaj hum apne pareshane ke khatir on se 

Kehne jate to hai par dekhiye kiya kehte hai 


Agle waqtoo ke hai ye loog onhai kuch na kaho 

Jo mai woh naghma ko andoh raba kehte hai 


Dil mai ajai hai hote jo fursat ghash se 

Aur phir kon se nale ko rasa kehte hai 


Eik sharar dil mai hai os ke koi Gabrai ga kiya 

Aag matloob hai hum ko jo hawa kehte hai 


Wehshat o shefta ab marsia kehwai shayad 

Mar giya Ghalib Ashfita nawa kehte hai 



                 

    (Hindi) 

हमारे प्रति वफादारी को जफ्फा कहा जाता है

ऐसा होता है कि अच्छे को बुरा कहा जाता है


आज हम उनसे अपनी परेशानी पूछते हैं

अगर वे हाँ कहते हैं, तो देखें कि वे क्या कहते हैं


अगली बार जब ये लोग उनसे कुछ नहीं कहेंगे

मैं उस गाने को अंदुहा रबा कहता हूं


दिल में एक मौका है जो मिट जाता है

और फिर किस नाले को रस कहा जाता है?


दिल में एक बुराई है, क्या कोई इससे डरेगा?

आग जिसे हम हवा कहते हैं


आतंक और आतंक का अब शोक हो सकता है

ग़ालिब अशफ़ा नवा मर चुका है



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