Sad poetry || Shikwaa poetry

           

Sad poetry
Sad poetry 

                

    (Urdu) 


تو ہی کہ دیں کہ اکھاڑا در خیبر کس نے 

شہر قیصر کا جو تھا اس کو کیا سر کس نے 

تھوڑے مخلوق خدا دونوں کے پیکر کس نے 

کاٹ کر رکھ دئے کفار کی لشکر کس نے 


کس نے ٹھنڈا کیا اشکدہ ایراں کو 

کس نے پر زندہ کیا تذکرہ یزداں کو



               

     (Roman English) 


Tu hi keh dai ke okara dar khyber kis ne 

Sheher qesar ka jo tha os ko kiya sar kis ne 

Tore makhloq khuda dono ko pekar kiss ne 

Kaat kar rakh diye kuffar ke lashkar kiss ne 


Kis ne Tanda kiya ashkada Eraan Ko 

Kis ne phir zinda kiya tazkira yazdaa ko 




                   

(Hindi) 


तो खैबर में अखाड़ा किसने दिया?

सीज़र शहर का क्या हुआ?

भगवान के दो छोटे जीवों को किसने बनाया?

काफिरों की सेना को किसने काटा?


अश्कदा ईरान को किसने ठंडा किया?

यज़्दान के उल्लेख को किसने पुनर्जीवित किया?








                     

Sad poetry
Sad poetry 

                  

   (Urdu) 


کون سی قوم فقط تیرے طلب گارکوئی 

اور تیرے لئے زحمت کش پیکار ہوئی 

کس کی شمشیر جہانگیر جہانداد ہوئی

کس کی تکبر سے دنیا تیری بیدار ہوئی 

 

کس کی ہیبت سے صنم سہمے ھوئے رہتے تھے 

منہ کی بل گر کے ھواللہ احد کہتے تھے



            

   (Roman English) 


  Koon se qoom faqat tere talabgar koe 

Aur tere liye zehmat kash pekar hoe 

Kiss ke shamsher jahangeer jahandad hoe 

Kis ke takabbur se dunya tere baidar hoe 


Kis ke hebat se sanam suhme hoe rehte the 

Moo ke bil gar ke Ho Allaho Ahad kehte the 




               

   (Hindi) 


कौन सा राष्ट्र केवल आपको चाहता है?

और आपके लिए एक कठिन लड़ाई थी

जहांगीर जहांदद किसकी तलवार थी?

दुनिया को किसके अहंकार ने जगाया है?

 

सनम किससे डरता था

मुँह नीचे करके हवाला उहुद कहते थेl




                                               

(Urdu) 

اگیا عین لڑائی میں اگر وقت نماز 

قبلہ روح ہوکے زمیں میں بوس ہوئے قوم جہاز 

ایک ہی صف میں کھڑے ھوئے محمود ایاز 

نہ کوئی بندہ رہا اور نہ کوئی بندہ نواز 


بندہ و صاحب ومحتاج و غنی ایک ہوئی 

تیرے سرکار میں پہنچے تو سبھی ایک ہوئی



              

    (Roman English) 

Aagiya Eien larai mai agar waqt namaz 

Qiblai roh hoke zameen mai boos hoe qoom jihaz 

Aik hi saf mai kare hoe meood ayaz 

Na koi banda raha na koe banda nawaz 


Banda o sahib o muhtaj o ghani aik hoe 

Tere sarkar mai puhunche to sabhi aik hoe 




         

     (Hindi) 

अगर सही लड़ाई में प्रार्थना करने का समय है

क़िबला एक आत्मा बन गई और राष्ट्र जमीन में डूब गया

महमूद अयाज़ एक पंक्ति में खड़े हैं

न कोई गुलाम बचा था और न कोई गुलाम बचा था


नौकर और मालिक और जरूरतमंद और अमीर एक हो गए

जब आपकी सरकार आई तो सब एक हो गए







       

Shikwaa
Shikwaa 

   

    (Urdu) 

دشت تو دشت ہے دریا بھی نہ چھوڑے ھم نے 

بحر ظلمات میں دوڑا دئے گھوڑے ھم نے 

صفح در کو باطل کو مٹایا ھم نے 

نوع انسان کو غلامی سے چڑایا ھم نے 

تیرے کعبے کو جبینوں سے بسایاں ھم نے 

تیرے قرآن کو سینوں سے لگایا ھم نے 


پھر بھی ہم سے گلہ کر کہ وفادار نہیں 

ہم وفادار نہیں تو بھی تو دلدار نہیں 




             

   (Roman English) 

Dasht to dash hai daryaa bhi na chore hum ne 

Behre zulmaat mai dora diye gore hum ne 

Safhai dar ko batil se mithaya hum ne 

Tere kaabee ko jabeeno se basaya hum ne 

Tere Quran ko Seno se lagaya hum ne 


Phir bhi hum se gila kar ke wafadar nahi 

Hum wafadar nahi to bhi to dildar nahi 




              

    (Hindi) 

रेगिस्तान रेगिस्तान है, हमने नदी को छोड़ा भी नहीं

हम अँधेरे के समुद्र में घोड़ों को दौड़ाते हैं

हमने अमान्य पृष्ठ मिटा दिया है

हमने मानव जाति को गुलामी से मुक्त किया

हमने आपके काबा को जब्बिनों से बनाया है

हमने तेरी क़ुरआन को अपने सीने पर रख लिया है


फिर भी हमसे शिकायत करते हैं कि हम वफादार नहीं हैं

वफादार न होते हुए भी हम वफादार नहीं होते







                     

Sad poetry
Sad poetry 

                   

  (Urdu) 

امتیں اور بھی ہے ان میں گنہگار بھی ہے 

عجز والے بھی ہے مست مئے پندار بھی ہے 

ان میں کاہل بھی ہے غافل بھی ہے ہوشیار بھی ہے 

سینکڑوں ہے کہ تیرے نام سے بیزار بھی ہے 


رحمتیں ہے تیرے اغیار کی کاشانوں پر 

برق گرتے ہے تو بیچاری مسلمانوں پر 




                

    (Roman English) 

Ommatai aur bhi hai on mai gunahgar bhi hai 

Aajz wali bhi hai mast mai pandar bhi hai 

In mai kahil bhi hai Ghafil bhi hai hoshyar bhi hai 

Senkroo hai ke tere naam se bezar bhi hai 


Rahmatai hai tere aghyar ke kashano par 

Barq girte hai to bechare musalmano par 





                

    (Hindi) 

और भी राष्ट्र हैं, परन्तु उनमें पापी भी हैं

नम्रता भी होती है और मद्यपान भी

वे आलसी और लापरवाह दोनों हैं

सैकड़ों हैं जो तेरे नाम से खफा हैं


आप पर कृपा बनी रहे

गरीब मुसलमानों पर बिजली गिरी






                 

Shikwaa 

             

     (Urdu) 

بت صنم خانوں میں کہتے ہے مسلماں اگئے 

ہے خوش ان کو کہ کعبے کہ نگہباں اگئے 

منزل دہر سے اونٹوں کی حدی خواں اگئے 

اپنی بغلوں میں دبائے ہوئے قرآن گے 


خندہ زن کفر ہے احساس تجھی ہے کہ نہیں 

اپنی توحید کا کچھ پاس تجھی ہے کہ نہیں 



  

          

     (Roman English) 

 Butt sanam khanoo mai kehte hai musalmaa agai 

Hai khush on ko ke kaabe ke negehban agai 

Manzil duhar se ontoo ke hade khwaan agai 

Apne baghloo mai dabai hoe Quran agai 


Khanda zan Kufar hai ihsaas tujhe hai ke nahi 

Apne taohed ka kuch pass tujhe hai ke nahi 




                 

  (Hindi) 

सनम खानों में मूर्तियाँ कहती हैं कि मुसलमान आ गए हैं

धन्य है वह जो काबा की रखवाली करता है

मंजिल दाहर से ऊँटों की सीमा आ गई

वे अपनी बाहों के नीचे कुरान पढ़ेंगे


हंसना अविश्वास है क्या आपको इसका एहसास है?

आपका कुछ एकेश्वरवाद है या नहीं?








                     

Urdu poetry
Urdu Poetry 

                    

  (Urdu) 

یہ شکایت نہیں ہے ان کی خزانے معمور 

نہیں محفل میں جنہیں بات بھی کرنے کا شعور 

قہر تو یہ ہے کہ کافر کو ملیں حور و قصور 

اور بے چارے مسلماں کو فقط وعدہ حور 


اب و الطاف نہیں ہم پہ عنایات نہیں 

بات یہ کیا ہے کے پہلی سے مدارت نہیں 



           

    (Roman English) 

Ye shekayat nahi hai onke khazane maamoor 

Nahi mehfil mai jinhe baat ka shaoor 

Qeher to ye hai ke kafir ko mile hoor o qasoor 

Aur bechre musalmaa ko faqat wadai hoor


Ab wo altaaf nahi hum pa Enayat nahi 

Baat ye kiya hai ke pehle se madarat nahi 




                

  (Hindi) 

यह कोई शिकायत नहीं है, उनके खजाने भरे हुए हैं

उस पार्टी में नहीं जिसमें बात करने की होश है

क्रोध यह है कि काफ़िर को गुनाह और गुनाह हो जाता है

और केवल असहाय मुसलमानों से वादा करो


हमारे पास अब उपहार नहीं हैं

क्या बात है, पहली नहीं?






                         

Sad Shayeri
Sad Shayeri 

                      

    (Urdu) 

کیو مسلماں میں ہے دولت دنیا نایاب 

تیرے قدرت تو ہے وہ جسکی نہ حد ہے نہ حساب 

تو جو چاہیں تو اٹھے سینہ صحرا سے حساب

دہرودشت ہو سیلی زدہ ماج سراب 


طعن اغیار ہے رسوائی ہے ناداری ہے 

کیا تیرے نام پہ مرنے کا عوض خواری ہے 



             

    (Roman English) 

Kiyo musalmaa ko hai doalat dunyaa nayab 

Tere qudrat to hai woh jiske na had hai na hesab 

To jo chahe to othe senai sehra se hesab 

Dehro dasht hu sele zadda maaj sirab 


Taan aghyaar hai roswai hai nadari hai 

Kiya tere naam pa marne ka aawaz khware hai 




               

    (Hindi)  

मुसलमानों में दौलत दुर्लभ है

आपकी शक्ति वह है जिसकी कोई सीमा या गणना नहीं है

तो जो कुछ भी आप चाहते हैं, उठो और रेगिस्तान से गणना करो

देहरादून हो सैली ज़दा मग सरबी


आलोचना बेकार है, अपमान गरीबी है

क्या तेरे नाम पर मरना शर्म की बात है?






                       

Sad poetry
Sad poetry 

                    

  (Urdu) 

بنی اغیار کی اب چاہنے والے دنیا

رہ گئی اپنے لئے اک خیالی دنیا 

ہم تو رخصت ہوئے اوروں نے سنبھالی دنیا 

پھر نہ کہنا ہوئی توحید سے خالی دنیا 


ہم تو جیتے ہے کہ دنیا میں تیرا نام رہے 

کہیں ممکن ہے کہ ساقی نہ رہے جام نہ رہے 




            

    (Roman English) 

Bani aghyar ke ab chahne wali dunya 

Rah gai apne liye ek khayale dunya 

Hum to rukhsat hoe auroo ne sambhale dunya 

Phir na kehna hoe taoheed se khali dunya 


Hum tu jete ha ke dunya mai tera naam rahe 

Kahii mumkin hai ke saqi na rahy jaam na rahy 




          

       (Hindi)   

अब बानी अघ्यारी की दुनिया

अपने लिए छोड़ गई एक काल्पनिक दुनिया

हम चले गए और दूसरों ने दुनिया पर कब्जा कर लिया

एकेश्वरवाद से रहित दुनिया का जिक्र नहीं


हम दुनिया में आपका नाम बनने के लिए जीते हैं

कहीं न कहीं यह संभव है कि बारटेंडर नहीं रहेगा


 







                   

Sms Shayeri
Sms Shayeri 

              

       (Urdu) 

محفل کون و مکاں میں سر و شام پھرے 

مئے توحید کو کے کر صفت جام پھرے 

کوہ دشت میں لے کر تیرا پیغام پھرے 

اور معلوم ہے تجھ کو کبھی ناکام پھرے



                

   (Roman English)

Mehfil koon makaa mai saro sham phere

Mai taohed ko ke kar sifat jaan phere

Koh dasht mai lekar tera pegham phere

Aur maaloom hai tujh ko kabhi nakam phere




           

     (Hindi)

पार्टी अलग-अलग जगहों पर हुई

तौहीद की शराब पीने से विशेषण जाम हो जाते हैं

अपना संदेश पहाड़ों तक ले जाएं

और मुझे पता है कि आप कभी असफल नहीं होंगे



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