Sad Urdu poetry || Sad Shayeri

             

Sad poetry
Sad poetry 

       

          

کیوں زیاں کاربنوں سود فراموش رہوں 

فکر فردا نہ کروں محو غم دوش رہوں 

نالے بلبل کی سنو اور ہمہ تن کوش رہوں 

ہمنوا میں بھی کوئی گل ھوں کی خاموش رہوں 


جرات اموز تری ناب شخن ھے مجھ کو 

شکوہ اللہ سے خاکم بدہن ھے مجھ کو 


       

Sad Poetry In Roman 2022 

Kiyo ziyan karbeno sood faramosh rahu 

Fikar farad na karo meho gham dosh rahu 

Nale bulbul ke Sono Aur hima tankosh rahu

Hum nawa mai bhi koi gull hu ke khamosh rahu 



Juraat amoz tere nab shakhan hai mujh ko 

Shikwa Allah se khakim badhan hai mujh ko 


Sad poetry in Hindi 2022 


खोई हुई कार्बन रुचि क्यों भूल जाते हैं

चिंता मत करो, बस उदास रहो

बुलबुले को सुनें और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें

हमनावा में कुछ फूल हो तो भी चुप रहना


मुझमें बहुत हिम्मत है

अल्लाह की जय हो, मेरे पास एक शरीर है





Sad poetry
Sad poetry 

     

ہے بجا شیوہ تسلیم میں مشہور ھے ہم 

قصہ درد سناتے ھے کہ مجبور ھے ہم 

ساز خاموش ہیں فریاد سے معمور ہے ہم 

ناکہ اتا ھے اگر لب پہ تو معزور ھے ہم 


اے خدا شکوہ رباب وفا بھی سن لے 

خوگر حمد سے تھوڑا سا گلہ بھی سن لے 

      

                              

Hai baja shewai tasleem mai mashhor hai hum

Qisa dard sunate hai me majboor hai hum 

Saaz khamosh hai faryad se maamor hai hum 

Naka aata hai agar lab pa to maazoor hai hum 



Ay Khuda shikwa rabab wafa bhi sun lai 

Khugar hamd se thora sa gila bhi sun lai 


            

खैर, हम अपनी स्वीकृति की शैली के लिए प्रसिद्ध हैं

दर्द की दास्तान बताती है हम मजबूर

यंत्र खामोश हैं, हम रोते-बिलखते हैं

यदि नहीं, तो हम विकलांग हैं


हे भगवान, विश्वास के गौरवशाली भगवान को सुनो

खोगर हमदी से थोड़ा आलिंगन सुनें






                   

Sad poetry
Sad poetry 

                

   

تھی تو موجود ازل سے ہی تیرے ذات قدیم 

پھول تھا زیب چمن پر نہ پریشاں تھی شمیم 

شرط انصاف ھے اے صاحب الطاف عمیم 

بوئی گل پیلتی کس طرح جو ہوتی نہ نسیم 


ہم کو جمیعت کے خاطر یہ پریشانی تھی 

ورنہ امت تیری محبوب کی دیوانی تھی

 


The tho maojood azal se hi tere zaat qadeem 

Phool tha zeeb Chaman par na pareshan the shamem

Shart ensaf hai ay sabmhib altab husaain

Boe gul phelthe kiss tarhah Jo hote na nadeem 


Hum ko jameat ke khatir ye pareshani thi 

Warna ommat tere mehboob ke dewani thi 

 


                            

अगर होते तो आपकी जात अनादि काल से प्राचीन है

सुन्दर लॉन पर एक फूल था शमीम को चिंता नहीं थी

शर्त है इंसाफ़, ऐ अल्ताफ़ अमीम

एक फूल हवा की तरह कैसे खिल सकता है?


जमीयत की खातिर हमें हुई थी ये दिक्कत

वरना उम्मत तो तेरी प्यारी की दीवानी थी


           

Sad poetry
Sad poetry 

               

                

ہم سے پہلی تھا عجب تیری جہاں کا منظر 

کہیں مسجود تھی پتھر کہیں معبود شجر 

خوگر پیکر محسوس تھی انساں کی نظر 

مانتا پھر کوئی ان دیکھے خدا کو کیوکر 


تجھ کوعلوم ھے لیتا تھا کوئی نام تیرا 

قوت بازوئے مسلم نے کیا کام تیرا 



              

Hum se pehle tha ajab tere jahan ka manzar 

Kahii  masjood the pattar kahii maabood shajar 

Khogar peekar Mehsoos the insaan ke nazar 

Manta phir koe en dekhe khuda ko kiyokar 


Tujh ko ollom hai letha tha koe nam tera 

Qoowat bazoe muslim ne kiya kam tera 


       

हमसे पहले तेरी दुनिया का अजूबा था

कहीं मस्जिद थी, कहीं पत्थर था, कहीं पेड़ था

खुगर पैकर इंसान की आंख की तरह लगा

तो विश्वास करो, अदृश्य भगवान को कोई कैसे देख सकता है?


आप जानते हैं कोई आपका नाम लेता था

मुस्लिम हाथ ने तुम्हारे साथ क्या किया?



         

Sad poetry
Sad poetry 

               

     

بس رہے تھے یہیں سلجوق بھی تو رانی بھی 

اہل چیں چبیں میں ایراں میں سا سانی بھی

اسی معمور میں اباد تھی یونانی بھی 

اسی دنیا میں یہودی بھی تھی نصرانی بھی 


پر تیرے نام پہ تلوار اٹھائے کس نے 

بات جو بکڑھی ہوئی تھی وہ بنائے کس نے 


         

Bas rahi the yahii saljooq bhi to Rani bhi 

Ehel chee jabee mai Eraan mai sasane bhi 

Isii mamoor mai abad the unane bhi 

Esi dunya mai yahoode bhi the masrani bhi 


Par tere nam par talwar othai kiss ne 

Baat Jo begre hoe the Woh banai kiss ne 

          

     

सेल्जुक और रानी यहाँ रह रहे थे

ईरान में अहल-ए-चिन-ए-चेबिन

यूनानी भी इस क्षेत्र में रहते थे

इस दुनिया में यहूदी और ईसाई थे


परन्तु तुम्हारे नाम पर तलवार किसने उठाई?

बिखरी हुई वस्तु को किसने बनाया?


          

Sad poetry
Sad poetry 

                    

تھے ہمیں ایک ترے معرکہ اراوں میں 

خسکیوں میں بھی لڑتے کبھی دریاوں میں 

دین اذنیں کبھی یورپ کی کلیساؤں میں 

کبھی افریقہ کی تپتی ہوئے صحراؤں میں 


شاں انکھوں میں نہ ججتی تھی جاہنداروں کی 

کلمئہ پڑتے تھے ہم چھاوں میں تلواروں کی 


 

         

The hami aik tere  maarika arao mai 

 Khaskiyo mai bhi larte kabhi daryao mai 

Deen azanai kabhi Urap ke kalesao mai 

Kabhi Africa ke tepte hoe sehrao mai 


Shaan ankhoo mai na jajthe the jahindaroo ke 

Kalma parthe the hum chaoo mai talwaro ke 


                  

हम एक लड़ाई के बीच में थे

कभी-कभी तो नदियों में भी लड़ते हैं

यूरोप के चर्चों में धर्म को कभी अनुमति दी गई

एक बार अफ्रीका के चिलचिलाती रेगिस्तान में


शान ने जहांदारों की आंखों में नहीं देखा

हम तलवारों के साये में तलवारें सुनाते थे



                 

Sad poetry
Sad poetry 

              

ہم جو جیتے تھے تو جنگوں کو مصیبت کیلئے 

اور مرتے تھے تیرے نام کی عظمت کیلئے 

تھی نہ کچھ تیغ زنی اپنے حکومت کیلئے 

سر بکف پھرتے تھے کیا دہر میں دولت کیلئے 


قوم اپنی جوز رومال جہاں پرمرتی 

بت فروشی کی عوض بت شکنی کیوں کرتی 


                 

Hum Jo jetai the tu jangoo ko musibat kelie

Aur Marte the tere nam ke aazmat kelie 

The na kuch tegh zani apne hokomat kelie

Sar bakaf parthe the kiya duhur mai doalat kelie 


Qoom apne jooz roomal jahan par marthe 

But faroshi ke awaz but shakne kiyo karte 


              

अगर हम जीत गए होते तो युद्ध मुसीबत में पड़ जाते

और तेरे नाम की महिमा के लिथे मर गया

उनकी सरकार के लिए कोई तीक्ष्णता नहीं थी

सर बक्फ डहरी में दौलत के लिए भटकते थे


जहां राष्ट्र मरता है

मूर्तियों को बेचने के बजाय उसने मूर्तियों को क्यों तोड़ा?





    

                     

Sad poetry
Sad poetry 

              

      

ٹل نہ سکتے تھے اگر جنگ میں اڑجاتے تھے 

پاؤں شیروں کو بھی میدان سی اکڑ جاتے تھے 

تجھ سے سرکش ہوا کوئی تو بگڑ جاتے تھے 

تیغ کیا چیز ھے ہم توپ سے لڑ جاتے تھے 


نقش توحید کا ھر دل پہ بٹایا ہم نے 

زیر خنجر بھی یہ پیغام سنایا ھم نے 


             

Tal na sakte the agar jang mai or jate the 

Pao sheroo ko bhi maidan se okar jate the 

Tujh se sarkash hoa koe to begar jate the 

Tegh kiya cheez hum toop se lar jate the 


Naqsh taohed ka har dil pa bethaya hum ne 

Zeer khanjar bhi ye pegham sunaya hum ne 


                    

अगर वे युद्ध में गए होते तो वे इसे टाल नहीं सकते थे

शेरों के पैर भी मैदान में सख्त थे

जिसने तुम्हारे खिलाफ बगावत की, वह और भी बुरा होगा

ब्लेड क्या है? हम तोप से लड़ते थे


हमने तौहीद की छवि हर दिल में बिखेरी है

यह संदेश हमने खंजर के नीचे भी पहुँचाया



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